चिंचवड़ से शंकर जगताप, भोसरी से महेश लांडगे
अब पिंपरी से राष्ट्रवादी की उम्मीदवारी की ओऱ गड़ी निगाहें
पिंपरी चिंचवड़। जैसा कि भाजपा के खेमे से लगातार बताया जा रहा था, रविवार को पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस पहली सूची में ही पिंपरी चिंचवड़ शहर में विधानसभा की तीन में से अपने कब्जे वाली दोनों सीटों से प्रत्याशी घोषित कर दिए गए हैं। इनमें से भोसरी विधानसभा से मौजूदा विधायक महेश लांडगे और चिंचवड़ विधानसभा से भाजपा शहराध्यक्ष शंकर जगताप को उम्मीदवार घोषित किया गया है। लांडगे इस बार अपनी विधायकी की हैट्रिक साधने की तैयारी में हैं। जबकि हमेशा परदे के पीछे से चुनाव के सारे सूत्र संभालने वाले शंकर जगताप पहली बार खुद विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। भाजपा के दोनों प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब महागठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस के कब्जे में रही पिंपरी विधानसभा की सीट की उम्मीदवारी की तरफ सबकी निगाहें गड गई हैं, जहां पार्टी के अन्ना बनसोडे विधायक हैं।चिंचवड़ और भोसरी में भाजपा एवं पिंपरी में राष्ट्रवादी के विधायक
पिंपरी चिंचवड़ में विधानसभा की तीन सीटें पिंपरी, ,चिंचवड, भोसरी हैं जिसमें से पिंपरी में अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस के अन्ना बनसोडे, चिंचवड़ में भाजपा की अश्विनी जगताप एवं भोसरी में भाजपा के महेश लांडगे वर्तमान विधायक हैं। भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची में लांडगे और जगताप दोनों को उम्मीदवारी दी है। शंकर जगताप भाजपा के शहर अध्यक्ष और विधायक अश्विनी जगताप के देवर हैं। इन दोनों भाभी देवर में उम्मीदवारी को लेकर खींचातानी च रही थी। हालांकि हाल ही में विधायक जगताप ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर अपने देवर शंकर जगताप को उम्मीदवारी देने की सिफारिश की थी। इसके अनुसार आज पार्टी ने पहली ही सूची में शंकर जगताप को चिंचवड़ से उम्मीदवारी घोषित की है। वहीँ भोसरी विधानसभा से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक महेश लांडगे को दोबारा उम्मीदवार घोषित किया है। लांडगे पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गए थे, हालांकि बाद में उन्होंने भाजपा को अपना समर्थन दिया। इसके बाद पिछले चुनाव में वे भाजपा के आधिकारिक प्रत्याशी के रूप में दूसरी बार विधायक चुने गए।
शुरू से जगताप परिवार का गढ़ रहा चिंचवड़
पुणे जिले के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले चिंचवड़ विधानसभा क्षेत्र पर शुरू से जगताप परिवार का वर्चस्व रहा। परिसीमन के बाद 2009 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप ने बतौर निर्दलीय जीत हासिल की। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हुए और 2014 और 2019 लगातार दो बार वे भाजपा की ओर से विधायक चुने गए। लंबी बिमारी के चलते उनके देहांत के बाद पिछले साल 2023 में होने उपचुनाव में उनकी पत्नी अश्विनी जगताप विधायक चुनी गई। हालांकि उपचुनाव से ही उनके देवर और भाजपा के शहर अध्यक्ष शंकर जगताप विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। इस चुनाव के लिए वे शुरू से तैयारी में थे। हालाँकि उनकी भांति उनकी भाभी ने भी खुद को दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप का उत्तराधिकारी रहने का दावा किये जाने से जगताप परिवार में गृह कलह शुरू हो गया। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और परिवार के करीबियों की मध्यस्थता से यह कलह दूर कर लिया गया और खुद विधायक अश्विनी जगताप ने पार्टी के आला नेताओं से मिलकर अपने देवर के नाम की सिफारिश की। साथ ही पार्टी के 65 पूर्व नगरसेवकों ने भी एक पत्र के जरिये उनका समर्थन किया। इसके चलते शंकर जगताप की उम्मीदवारी का रास्ता आसान बन गया और आज पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया।
परिवर्तन का नारा बुलंद कर पहली बार विधायक बने लांडगे
परिसीमन के बाद 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में विधायक विलास लांडे भोसरी विधानसभा के पहले विधायक चुने गए। इससे पहले वे जब पिंपरी चिंचवड़ शहर हवेली विधानसभा क्षेत्र में शामिल था तब वे 2004 में पहली बार विधायक चुने गए। 2014 में लांडे को उन्हीं के बहन के दामाद महेश लांडगे ने कड़ी चुनौती दी। लांडगे ने भी उन्हीं की तरह परिवर्तन का नारा लगाया और लांडे विरोधी गांववाला लॉबी को एकजुट कर बतौर निर्दलीय जीत दर्ज की। बाद में उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया। 2019 में लांडगे भाजपा की ओर से चुनाव लड़े और विलास लांडे को हराकर दूसरी बार विधायक बनें। दो बार विधायक चुने गए लांडगे तीन बार पिंपरी चिंचवड़ मनपा में नगरसेवक चुने गए। मनपा में स्थायी समिति के सभापति पद की जिम्मेदारी भी उन्होंने निभाई है। 2020 से 2023 तक वे पिंपरी चिंचवड़ भाजपा के शहर अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस बार वे विधायकी की हैट्रिक करने की तैयारी में हैं। बहरहाल भाजपा के दोनों उम्मीदवारों की घोषणा के बाद पिंपरी विधानसभा से राष्ट्रवादी कांग्रेस की उम्मीदवारी की तरफ सबकी निगाहें गड गई हैं। मौजूदा विधायक अन्ना बनसोडे को उन्ही की पार्टी से कुछ नेताओं द्वारा जोरदार विरोध किया जा रहा है। अब ऐसे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की भूमिका की ओर सबकी निगाहें गड गई हैं। साथ ही यह देखना भी दिलचस्प होगा कि महाविकास आघाडी महागठबंधन के खिलाफ किन प्रत्याशियों को मैदान में उतारती है।
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