इस स्वतंत्रता दिवस पर, जब तिरंगा आसमान में शान से लहरा रहा था और पूरा मुल्क अपने आज़ादी के हीरो को याद कर रहा था, तभी अभिनेता करन टैकर ने रौशनी डाल दी एक और वीर दस्ते पर – भारत के पुलिस बल पर।
खाकी: द बिहार चैप्टर में एक सख़्त, "नो-नॉनसेंस" पुलिस अफ़सर का दमदार किरदार निभाने वाले करन का वर्दी से रिश्ता सिर्फ़ परदे तक ही नहीं है, बल्कि दिल के तारों से जुड़ चुका है।खाकी की शूटिंग के दौरान करन की मुलाक़ात हुई अमित लोढा से – वही असली ज़िंदगी के पुलिस अफ़सर, जिनकी किताब से ये सीरीज़ जन्मी। वो मुलाक़ात, और महीनों तक उनकी कहानी को जीने का अनुभव, करन को दिखा गया कि पुलिस की ड्यूटी में कितना हौसला, त्याग और 24x7 की निष्ठा लगती है।
करन कहते हैं – "पुलिस बनना मेरे लिए सिर्फ़ एक रोल नहीं था, ये तो एक तालीम थी। शूटिंग के दौरान मैंने क़ानून लागू करने से लेकर, अफ़रा-तफ़री के वक्त लोगों की जान बचाने तक, इस काम की मेहनत और अनुशासन को अंदर तक महसूस किया।"
सोशल मीडिया पर करन ने लिखा:
"हर स्वतंत्रता दिवस हम उन लोगों का शुक्रिया करते हैं, जिन्होंने हमें आज़ादी दिलाई — और ये बिल्कुल सही है। लेकिन ये दिन उन बहादुरों का भी है, जो अपने जज़्बे और ड्यूटी के दम पर, हर रोज़ इस आज़ादी की हिफ़ाज़त करते हैं।
मेरी सफ़र — खाकी में पुलिस वाला, स्पेशल ऑप्स में रॉ एजेंट, और तन्वी में आर्मी अफ़सर निभाने का — मुझे वर्दी के पीछे की हिम्मत, अनुशासन और इंसानियत के और करीब ले आया।
ये लोग हर मुसीबत, संकट और हंगामे में हमारी ढाल बनकर खड़े रहते हैं, ताकि हम अपनी ज़िंदगी जीते रहें — और मैं इस मिली हुई आज़ादी को कभी हल्के में नहीं लेता। आज, मेरा सलाम है उन्हें — जो हैं हमारी आज़ादी के रोज़ के रखवाले।"
जब पूरा देश आज़ादी का एक और साल मना रहा था, करन के ये अल्फ़ाज़ याद दिला रहे थे कि आज़ादी सिर्फ़ जीती नहीं जाती, बल्कि हर दिन वर्दीधारियों की निगरानी में महफ़ूज़ रखी जाती है।
वर्क फ्रंट की बात करें तो, करन टैकर जल्द ही नज़र आएंगे 'भय' में, जो इस दिसंबर स्ट्रीम होने जा रही है — एक और दमदार परफ़ॉर्मेंस के साथ।
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