9 साल से राहत की बाट जोह रहे बोपखेलवासी

9 साल से राहत की बाट जोह रहे बोपखेलवासी

बोपखेल-खड़की को जोड़ने वाले पुल को उद्घाटन का इंतजार

पुणे बोपखेल को खड़की के जरिये पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरों से जोड़नेवाले पुल का निर्माण पूरा होने का बावजूद इसे यातायात के लिए खुला नहीं किया जा सका है। नतीजन रक्षा विभाग द्वारा सीएमई (कॉलेज ऑफ़ मिलिट्री इंजीनियरिंग) दापोड़ी से आवाजाही का रास्ता बंद किये जाने से बोपखेलवासी पिछले नौ वर्षों से 16 किलोमीटर का चक्कर काटने के लिए विवश हैं। बोपखेल और खड़की को जोड़ने वाले मुला नदी पर पिंपरी चिंचवड़ मनपा द्वारा बनाये जा रहे पुल का निर्माण काम 99 प्रतिशत पूरा हो गया है। इसका रंगरोगन और अन्य संबंधित काम अंतिम चरण में हैं। मनपा के स्थापत्य विभाग के मुताबिक़ यह उदघाटन के लिए तैयार है। हालांकि वह कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।बोपखेल गांव के लिए दापोडी में कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (सीएमई) परिसर से गुजरने वाली सिविल रोड को बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार 13 मई, 2015 को बंद कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने रक्षा विभाग द्वारा सुरक्षा से संबंधित दी गई दलील के आधार पर इसका फैसला सुनाया था। तब स्थानीय ग्रामीणों ने आवाजाही का रास्ता बंद करने का पुरजोर विरोध किया था। इस दौरान गाँव बंद आंदोलन किया गया जिसने हिंसक रूप धारण कर लिया। बोपखेल के ग्रामीणों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें कई पुलिसवाले और ग्रामीण घायल हुए। तब स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार और रक्षा विभाग के साथ चर्चा से मसला सुलझाने की कोशिश की। इसमें सीएमई में रक्षा विभाग को कुछ सड़कों और अन्य निर्माण एवं मुआवजा देने के बदले में मुला नदी पर पुल बाँधने का फैसला किया गया।



53.53 करोड़ रुपए की आयी लागत
बोपखेल गांव के निवासियों के लिए दापोडी पहुंचने के लिए आवश्यक दो किलोमीटर की दूरी सड़क बंद होने के कारण लगभग 16 किलोमीटर हो गई है। ग्रामीणों को पिंपरी-चिंचवड़ शहर तक पहुंचने के लिए भोसरी या विश्रांतवाड़ी, खड़की मार्ग से लगभग 15 से 16 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। इससे नागरिकों, विद्यार्थियों एवं श्रमिकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। 20 जुलाई, 2019 को बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद, मनपा ने बोपखेल से खड़की तक मुला नदी पर 1856 मीटर यानि लगभग दो किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण कार्य शुरू किया। पुल व सड़क के निर्माण कार्य में 53.53 करोड़ रुपए की लागत आयी है। अदालती कार्यवाही, रक्षा विभाग द्वारा जमीन कब्जे में देने में हुई देरी के कारण इस पुल का काम रुका हुआ था। इसलिए काम की मियाद को दो साल तक बढ़ा दिया गया।

नहीं खत्म हो रहा इंतजार
इस पुल की लंबाई 1856 मीटर और चौड़ाई 8.40 मीटर है। बोपखेल की ओर पहुंचने वाली सड़क की लंबाई 58 और खड़की के तरफ 262 मीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया है। पुल का 99 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और अगस्त 2024 के अंत तक पुल को यातायात के लिए खोलने की घोषणा मनपा प्रशासन द्वारा की गई थी। हालांकि पुल के बनने के बाद भी इसका उद्घाटन नहीं हो सकने के कारण बोपखेलवासी आज भी 15 से 16 किलोमीटर का चक्कर काटने के लिए विवश हैं। इस बारे में मनपा के स्थापत्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, इस पुल के लिए ली गई जमीन और अनुमति के बदले रक्षा विभाग के सीएमई को जो निर्माण कार्य करके दिए जाने थे उसमें से केवल एक सड़क का डामरीकरण का काम रह गया है। अगस्त से बारिश का जोर बढ़ने से यह काम नहीं हो सका। हालांकि पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चूका है। कुछ छुटपुट काम अंतिम चरण में हैं। जनसंपर्क विभाग को यह पुल उद्घाटन के लिए तैयार रहने को लेकर सूचित किये जाने की जानकारी भी अधिकारियों ने दी। कुल मिलाकर बोपखेल वासियों को नौ साल बाद भी राहत पाने के लिए बाट जोहनी पड़ रही है।


 

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